When pain comes from your own family, words often fall short. In this post, we’ve collected the best family sad shayari lines that express deep emotions, heartbreak, and family-related struggles. Whether you’re dealing with misunderstandings, emotional distance, or broken bonds, these shayari and quotes in Hindi and English will help you say what your heart feels.
From boy and girl shayari on family to life-related family quotes and Instagram status lines, every section below offers heartfelt poetry you can relate to.
Latest Family Sad Shayari in Hindi 2025

हर रिश्ते में अब घुटन सी है,
अपनों के बीच भी अजनबी सी हालत है।
खामोशी बोलती है दर्द की कहानी,
जब घर में अपनों से ही मिले वीरानी।
बचपन की यादें भी अब चुभती हैं,
जब देखते हैं रिश्तों को टूटते हुए।
उम्मीदों का बोझ इतना बढ़ गया,
अपने ही घर में बेगाना कर गया।
दिल टूटा है, आवाज़ नहीं आती,
जब अपनों से ही ठेस पहुँच जाती।
वो घर अब घर नहीं लगता,
जहाँ अपनों का प्यार नहीं मिलता।
family sad shayari
आँसू छुपाना भी एक हुनर है,
जब दर्द देने वाले अपने ही हों।
तन्हाई महसूस होती है भीड़ में,
अपनों के बीच भी अकेलापन है।
ज़िंदगी ने सिखाया है सबक ये,
अपने ही देते हैं सबसे गहरे ज़ख्म।
मुस्कुराहट के पीछे का दर्द,
कौन समझेगा इस बेगाने घर में।
किस्मत ने खेल खेला ऐसा,
अपने ही घर में पराया बना दिया।
रिश्तों की डोर इतनी कमज़ोर क्यों है,
पल भर में टूट जाती है ये क्यों है।
घर की खुशियाँ रूठ गई हैं,
जब अपनों की नज़रें बदल गई हैं।
कोई समझे ना दर्द-ए-दिल मेरा,
अपने ही घर में घूँट घूँट मरना।
हर रात एक नया ग़म देती है,
अपनों की बेरुख़ी आँखें नम करती है।
मोहब्बत की जलती शमा बुझ गई,
जब अपनों की नफ़रत आग बन गई।
टूटे हुए दिल की आवाज़ नहीं,
अपने ही घर में सुकून नहीं।
हर रिश्ता एक बोझ सा लगता है अब,
जब अपनों से ही मिले बस तकलीफ़ अब।
ग़मों का सिलसिला ख़त्म नहीं होता,
जब अपनों से ही दर्द मिलता रहता।
अब बस थक गए हैं लड़ते लड़ते,
अपनों से ही दूर भागते भागते।
Family Sad Shayari on Life

ज़िंदगी में सबसे मुश्किल पल वो है,
जब अपनों से ही दूरी महसूस हो।
भीड़ में भी तन्हा रहना पड़ता है,
जब घर में भी न मिले सुकून।
क़िस्मत ने खेल खेला है ऐसा,
अपनों ने ही बना दिया पराया।
जीने की वजह ढूँढ़ते हैं हम,
जब हर रिश्ता लगे बेगाना सा।
घर की दहलीज़ पे ग़म खड़ा है,
अपनों की ख़ामोशी से दिल भरा है।
family sad shayari
ज़िंदगी ने दिए हैं ऐसे ज़ख़्म,
जिनका इलाज अपनों के पास नहीं।
हर ख़ुशी अधूरी लगती है अब,
जब घर में अपनापन न हो।
रिश्तों की उलझन में खो गई ज़िंदगी,
अपनों के बीच भी अकेला रहना पड़ा।
कैसे समझाऊँ दर्द-ए-दिल अपना,
जब अपनों की आँखों में प्यार न हो।
अंधेरे में भी रौशनी ढूँढ़ते हैं,
जब अपनों का साथ छूट गया हो।
गुज़ारिश है ज़िंदगी से अब यही,
कि अपनों से मिला दर्द कम हो।
हर सुबह एक नया ग़म लाती है,
जब घर में सिर्फ़ तन्हाई हो।
सपने तो बहुत थे इस ज़िंदगी से,
पर अपनों ने ही उन्हें तोड़ दिया।
दिल में बोझ लिए जीते हैं,
अपनों की बेरुख़ी बर्दाश्त करते हैं।
अजीब है ये ज़िंदगी का सफ़र,
जहाँ अपनों से ही मिलता है डर।
हँसी तो होठों पे रहती है,
पर आँखों में नमी छुपी रहती है।
बिखरे हुए रिश्तों को समेटते हैं,
हर रोज़ नए ग़म मिलते रहते हैं।
जहाँ प्यार होना चाहिए था,
वहाँ सिर्फ़ रंजिशें मिलती हैं।
ज़िंदगी ने दिखाया है ऐसा रंग,
जहाँ अपने ही देते हैं चुभन।
थक गए हैं अब ये दिल और जाँ,
अपनों से मिले ग़मों से परेशान।
Boy Family Sad Shayari in Hindi

दिल में ग़म, होंठों पे मुस्कुराहट,
लड़का हूँ, मुझे रोना मना है।
परिवार की ख़ुशियों के लिए जीता हूँ,
अपना दर्द छुपाना कहाँ मना है।
बाप की इज़्ज़त, माँ का प्यार,
सब कुछ है पर ख़ुद में बेकार।
अपनी तकलीफ़ किसी को ना बता पाएँ,
इस घर में मेरा दर्द है बे-ऐतबार।
ज़िम्मेदारी का बोझ बहुत है मुझ पर,
कोई समझे न मेरे अंदर का ये डर।
कहने को तो पूरा घर है मेरा,
पर सच कहूँ, अकेला हूँ मैं यहाँ।
आँखों में नींद नहीं, बस ख़ामोशी है,
जब अपनों से ही मिली रूठी सी ज़िंदगी है।
हर लड़के की कहानी कुछ ऐसी है,
दर्द छुपा के हँसना उसकी लाज़मी है।
family sad shayari
टूटे हुए ख़्वाबों का ढेर है सीने में,
कोई पूछे ना हाल इस ज़ीने में।
घर से दूर भी जाऊँ तो जाऊँ कहाँ,
हर जगह लगता है अपनापन है कहाँ।
मर्दानगी के पीछे छुपा है एक दिल,
जो रोता है जब रिश्ते होते हैं बोझिल।
सबकी उम्मीदों पर खरा उतरना है,
पर अपनी ख़ुशियों का क्या करना है।
जब भी देखा, बस काम ही काम मिला,
अपने लिए कभी न आराम मिला।
सोचता हूँ, काश कोई समझ पाता,
मेरे अंदर का अकेलापन जान पाता।
चेहरे पर ज़बरदस्ती की हँसी रखता हूँ,
अंदर से कितना टूटा हूँ, ये जानता हूँ।
एक लड़का ही जाने क्या गुज़रती है,
जब उसकी ख़ुद की पहचान बिखरती है।
परिवार के लिए सब कुछ कुर्बान किया,
पर अपने लिए कुछ भी न हासिल किया।
कभी कभी लगता है साँस रोक लूँ,
इस बोझ से भरी ज़िंदगी को छोड़ दूँ।
कोई सहारा नहीं, कोई हमदर्द नहीं,
अपने ही घर में क्यों मिलता दर्द ही दर्द।
बस अब थक गया हूँ ये सब सहते सहते,
जीना चाहता हूँ अपनी मर्ज़ी से जीते जीते।
Girl Family Sad Shayari in Hindi

बेटी हूँ, मुझपे कई पाबंदियां हैं,
अपने सपने भी पूरे करना मना है।
दिल में दर्द का समंदर छुपा है,
आँखों में आँसू छुपाना कहाँ मना है।
रिश्तों की रीत में उलझ गई मैं,
अपनों की ख़ुशी में खो गई मैं।
अपना वजूद ढूँढती हूँ अब,
इस घर में कहीं खो गई मैं।
चुप रहना ही पड़ता है अक्सर,
जब कोई सुनने वाला न हो।
हर बात पर मिली बस ताना,
क्या यही है इक बेटी का घराना?
family sad shayari
सपने सजाए थे आँखों में कितने,
अपनों ने ही तोड़ दिए वो सारे।
पराया धन कहते हैं सब मुझे,
पर अपनों ने भी अपना न समझा कभी।
बचपन से ही सिखाया गया ये,
कि परायों के घर जाना है इक दिन।
खुली किताब हूँ मैं, पर पढ़ता कोई नहीं,
मेरे अंदर का दर्द समझता कोई नहीं।
कब तक ये घूँट पीती रहूँगी,
अपनों की उम्मीदों पर जीती रहूँगी।
मेरी हँसी के पीछे दर्द छुपा है,
जिसे मेरे अपने भी नहीं जान पाए।
दिल रोता है और आँखें नम रहती हैं,
जब अपनों की नज़रें बदल जाती हैं।
प्यार की उम्मीद में रही ताउम्र,
पर मिला बस अकेलापन और तन्हाई।
काश कोई मुझसे भी पूछता,
कि बेटी, तुम ख़ुश हो या नहीं?
अपनी ही दुनिया में कैद हूँ मैं,
अपनों ने ही दीवारें बना दी हैं।
कोई मेरी सुनो भी तो सही,
ये दर्द की दास्तान सुनो भी तो सही।
मुझे उड़ने नहीं दिया कभी,
पिंजरे में ही रखना चाहते हैं ये सभी।
बेबस हूँ, लाचार हूँ मैं,
अपने ही घर में परेशान हूँ मैं।
अब तो बस मौत का इंतज़ार है,
शायद वहीं मिलेगा मुझे करार है।
Sad Shayari on Family Problems and Tension
घर में हँसी कम, टेंशन ज़्यादा है,
हर रिश्ते में अब बस दिखावा है।
मिडिल क्लास की कहानी कुछ ऐसी है,
जहाँ ख़ुशी से ज़्यादा ग़म का पहरा है।
बात बात पे झगड़े, हर पल की तकरार,
ऐसा लगता है जैसे टूट रहा है परिवार।
family sad shayari
दिल में दर्द लिए जीते हैं हम,
ये रिश्तों का कैसा है ये संसार?
ख़ामोशी भरी है घर की हवा में,
अपनों के बीच भी अकेलापन है फ़िज़ा में।
छोटी छोटी बातों पर लड़ाई होती है,
अब तो हर रात रो रो कर सोती है।
रिश्तों में दरारें पड़ गई हैं गहरी,
अब तो बस उदासी है ठहरी।
अपनों की नाराज़गी का बोझ लिए,
हर दिन जीना मुश्किल होता जा रहा है।
कहाँ खो गए वो प्यार भरे पल,
अब तो बस तनाव है हर पल।
घर की दीवारें भी अब रोती हैं,
जब अपनों की नफ़रतें दिखती हैं।
कोई सुलझा दे इन रिश्तों की गुत्थी,
अब तो बस थक गई है ये रुत ही।
प्यार की जगह शक और नफ़रत है,
इस घर में अब कहाँ मोहब्बत है?
अंदर से टूटे हैं, पर दिखाते नहीं,
ये तकलीफें किसी को बताते नहीं।
हर आवाज़ में अब कड़वाहट है,
रिश्तों में कहाँ बची अब चाहत है?
सुकून ढूँढ़ते हैं अब घर के बाहर,
अंदर तो बस ज़हर है और है तकरार।
ग़मों की चादर ओढ़े बैठा है घर,
अपनों से ही मिलता है अब डर।
दूरियाँ बढ़ रही हैं धीरे धीरे,
अपने ही बन गए हैं अब पराये।
टूटे हुए शीशे सा है रिश्ता,
जोड़ने की कोशिश में और बिखरता।
किस्मत का खेल है या अपनों की देन,
हर पल मिलती है बस यही बेचैन।
ये कैसी उलझन है, कैसा है ये मंज़र,
घर में ही क्यों नहीं मिलता अब दिलबर।
Family Sad Shayari in English
Jab ghar mein apno se hi mile zakhm gehre,
Tab lafz kam pad jaate, aankhein nam rehti.
Khamoshi bolti hai dard ki kahaani,
Apno ke beech bhi ajnabee si zindagani.
Bachpan ki yaadein bhi ab chubhti hain bohot,
Jab rishton ka bandhan toote, har pal ho maut.
Umeedein tooti hain, sapne bikhre hain kahin,
Apne hi ghar mein, apna pan hai hi nahin.
Dil toota hai magar awaaz nahi aati,
Apno ki berukhi se rooh mar jaati.
family sad shayari
Woh ghar ab ghar nahin lagta mujhko,
Jahan pyar ki jagah, sirf ruswai ho sabko.
Aansu chupana bhi ek hunar bana hai ab,
Jab dard dene wale apne hi hon har sabab.
Tanhai mehsoos hoti hai bheed mein bhi,
Apno ke beech bhi akela pan hai dil mein kahin.
Zindagi ne sikhaya hai sabak yeh naya,
Apne hi dete hain sabse gehra zakhm yahan.
Muskurahat ke peeche ka dard kaun samjhe,
Iss begane ghar mein, apna kaun thehre.
Kismat ne khel khela hai ajeeb sa,
Apne hi ghar mein bana diya mujhko paraya sa.
Rishton ki dor kyun itni kamzor hai,
Pal bhar mein toot jaati, yeh kaisa daur hai.
Ghar ki khushiyan rooth gayi hain ab,
Jab apnon ki nazrein badal gayi hain sab.
Koi samjhe na dard-e-dil mera,
Apne hi ghar mein ghut ghut ke jeena mera.
Har raat ek naya gham deti hai ab,
Apnon ki berukhi aankhein nam karti hai sab.
Miss You Family Sad Shayari
दूर रहकर भी याद आते हो तुम,
हर पल हर लम्हा सताते हो तुम।
काश होते तुम साथ हमारे,
हर खुशी, हर ग़म बाँट लेते।
जबसे हुए हैं दूर, ज़िंदगी ठहर गई,
तुम्हारी यादों में ही रात गुज़र गई।
मिस करता हूँ हर पल तुम्हारी बातों को,
काश ये दूरियाँ कभी न बढ़ती।
घर सूना लगता है तुम्हारे बिना,
हर कोना याद दिलाता है।
आँखें नम हैं, दिल में उदासी है,
तुम्हारे बिना हर साँस प्यासी है।
लौट आओ ना, बहुत याद आते हो,
तुम्हारे बिना हर पल अधूरे से लगते हैं।
वक़्त गुज़र रहा है, पर तुम नहीं,
दिल में तुम्हारे लिए प्यार कम नहीं।
वो पुरानी बातें, वो हँसी के पल,
याद आते हैं और नम करते हैं पल।
तन्हाइयों में जब भी अकेला होता हूँ,
तुम्हारी यादों में कहीं खो जाता हूँ।
काश ये दूरियाँ मिट जाएँ सारी,
मिल जाएँ फिर से हम सारे के सारे।
हर त्योहार, हर ख़ुशी अधूरी है,
जबसे तुमसे ये दूरी हुई है।
दिल करता है भाग कर आ जाऊँ,
तुम्हारी गोद में सर रख के सो जाऊँ।
तुम्हें याद करते करते सुबह से शाम हुई,
तुम्हारी यादें ही अब मेरी जान हुई।
ये दूरियाँ अब सही नहीं जातीं,
तुम्हारे बिना रातें कटती नहीं जातीं।
Love and Family Sad Shayari
प्यार भी किया, भरोसा भी किया,
पर अपनों ने ही दिल तोड़ दिया।
कैसा ये रिश्ता, कैसी ये मोहब्बत,
जहाँ अपने ही देते हैं रुसवाई।
मोहब्बत की राह में चलते चलते,
अपनों से ही धोखा मिल गया।
दिल में नफ़रत नहीं, बस दर्द है,
कैसे जीयूँ अब तन्हा मैं?
जिस घर को मैंने सपनों से संवारा,
वहाँ प्यार की जगह बस तकरार मिला।
ख़ुद को खो दिया प्यार की तलाश में,
और पाया कि घर भी अजनबी निकला।
रिश्तों की ज़ंजीर में बंधे हैं ऐसे,
कि प्यार के लिए जगह ही न बचे जैसे।
अपनों के लिए सब कुछ लुटा दिया,
बदले में बस ग़म ही कमाया।
प्यार करने की ग़लती कर बैठे,
जब घर वालों ने ही पराया कर बैठे।
दिल के टुकड़े हुए हज़ार ऐसे,
कि अब प्यार पर भरोसा नहीं वैसे।
ये कैसा प्यार है जो दर्द देता है,
जब अपने ही अश्क़ों से नफ़रत करता है।
मोहब्बत को हमने निभाया शिद्दत से,
पर अपनों ने दूरियाँ बना ली हैं हैरत से।
प्यार की कीमत आज चुकानी पड़ी,
जब अपनों की नफ़रत सहनी पड़ी।
हर रिश्ते में उलझन सी है अब,
प्यार की जगह खाली सी है सब।
ख्वाहिशें मर गईं, उम्मीदें टूट गईं,
जब अपनों की मोहब्बत भी रूठ गई।
Short Rishtedar Sad Shayari in 2 Lines
घर की दीवारों में सिमट गया है दर्द,
अपने ही अपनों से बेगाने हो गए हैं आज।
खामोशी बोलती है दिल की कहानी,
जब घर में अपनों से ही मिले वीरानी।
बचपन की यादें भी अब चुभती हैं,
रिश्तों को टूटते हुए जब देखती हैं।
उम्मीदों का बोझ इतना बढ़ गया,
अपना ही घर अब पराया सा कर गया।
दिल टूटा है पर आवाज़ नहीं आती,
अपनों की ठेस से रूह मर जाती।
वो घर अब घर नहीं लगता,
जहाँ अपनों का प्यार नहीं मिलता।
आँसू छुपाना भी एक हुनर है,
जब दर्द देने वाले अपने ही हों।
भीड़ में भी तन्हाई महसूस होती है,
अपनों के बीच भी अकेलापन होती है।
ज़िंदगी ने सिखाया सबक ये,
अपने ही देते हैं सबसे गहरे ज़ख्म ये।
मुस्कुराहट के पीछे का दर्द,
कौन समझे इस बेगाने घर का मर्द।
किस्मत ने खेल खेला ऐसा,
अपने ही घर में पराया बना दिया।
रिश्तों की डोर इतनी कमज़ोर क्यों है,
पल भर में टूट जाती ये क्यों है।
घर की खुशियाँ रूठ गई हैं,
जब अपनों की नज़रें बदल गई हैं।
कोई समझे ना दर्द-ए-दिल मेरा,
अपने ही घर में घूँट घूँट मरना मेरा।
हर रात एक नया ग़म देती है,
अपनों की बेरुख़ी आँखें नम करती है।
Relatives Sad Shayari for Instagram & Social Status
ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर, और शाम तन्हा,
परिवार का दर्द, खामोशी से सहना।
चेहरे पर हँसी, दिल में हज़ार गम,
अपनों ने दिए हैं जो, वो जख्म हैं नम।
घर तो है, पर सुकून कहीं नहीं,
अपने ही अब अपने रहे ही नहीं।
रिश्तों में उलझन, ज़ख्म गहरे हैं,
दिल के हर कोने में दर्द के पहरे हैं।
अकेलापन महसूस होता है भीड़ में,
अपनों से मिली चोट, जो दिल में है।
क्या कहूँ अब और, क्या बताऊँ किसी को,
जब अपने ही नहीं समझते दर्द मेरे दिल को।
ये कैसी ज़िदंगी है, ये कैसा सफर है,
जहाँ अपनों से ही मिलता सिर्फ डर है।
खामोश रहते हैं, कि कोई जान न ले,
कितना टूटा है दिल, ये पहचान न ले।
उम्मीदें बहुत थीं, पर सब टूट गईं,
अपने ही हाथों से खुशियाँ रूठ गईं।
हर सुबह एक नई उदासी लाती है,
परिवार से मिली जुदाई सताती है।
ये दूरियाँ अच्छी नहीं, ये फासले बुरे हैं,
अपनों के बिना हम कितने अधूरे हैं।
दर्द इतना है कि लफ्ज़ कम पड़ गए,
अपनों की बेरुखी से हम सहम गए।
बस अब थक गए हैं ये सब सहते-सहते,
काले बादलों में खो गए हैं अब रहते-रहते।
ये आँसू मेरे नहीं, ये परिवार का दर्द है,
जो छिपा के रखता है हर एक मर्द।
दिल चीखता है, पर आवाज़ नहीं आती,
जब घर की खुशियाँ यूँ ही खो जाती।
parevar Sad Shayari in bengali
পরিবারের কষ্ট গভীর হয়,
মনের কথা মনেই রয়ে যায়।
২. আপনজনেরা যখন ব্যথা দেয়,
মনের ভেতর দুখ বেজে যায়।
৩. ঘরটা ফাঁকা লাগে খুব,
সবাই থেকেও যেন কেউ নেই ডুব।
৪. ভাঙা সম্পর্ক জোড়া লাগে না,
মনের ক্ষত শুকিয়ে যায় না।
৫. হাসি মুখে কষ্ট লুকাই,
নিজের ঘরেও শান্তি না পাই।
৬. বিশ্বাস ভেঙে গেলে সব শেষ,
আপনজনের দেওয়া দুঃখ অবশেষ।
৭. চোখের জল নীরবে ঝরে,
পরিবারের সমস্যায় মন ভরে।
৮. সুখের দিনগুলো মনে পড়ে,
এখন শুধু বেদনা ঘিরে ধরে।
৯. কার কাছে বলি এই ব্যথা?
যখন পরিবারেই নেই আপনকথা।
১০. ভাগ্যের পরিহাস এমনই,
আপনজনরাই করে পরবাসী।
১১. পুরনো স্মৃতি কাঁদায় খুব,
পরিবারে ভালোবাসা গেছে ডুবে।
১২. একা একা দিন কাটে,
পরিবারের দুঃখ বুকে আঁটে।
১৩. মন চায় ভালোবাসার স্পর্শ,
পায় শুধু অবহেলার স্পর্শ।
১৪. এই কিসের জীবন এমন,
পরিবারেও নেই আপনজন।
১৫. স্বপ্নগুলো সব মরে গেছে,
পরিবারের টান ছিঁড়ে গেছে।
Conclusion
I Hope you like our family sad shayari. If you have any query doubt or you want to share some more family sad shayari do not hesitate to hit the comment section below.