Narajgi Shayari is a special kind of poetry that expresses feelings of anger, hurt, and sadness in relationships. Whether it’s about love, friendship, or family, feeling upset (narazgi) is very common. You can find heart touching lines that deeply reflect these emotions and bring out the pain of misunderstandings. Along with emotional and sad shayari, there are also narajgi shayari that help lighten tense moments. Many people search for the best lines to express their feelings when words are not enough. This beautiful poetry, available in both Hindi and Roman English, perfectly captures the journey of struggles and healing in every relationship.
Narazgi Shayari

अक़ ही शख़्स की बात है मौला,
सारा जहाँ किसने माँगा है।
यह नज़र आज भी तेरी मुन्तज़िर है,
दिल किसी और से आशना ही नहीं।
मैं क्यों लाऊँ ज़ेहन में किसी और को,
जब कोई तेरे जैसा बना ही नहीं।
तेरा ही हाथ पकड़ कर घूमूं मैं दुनिया सारी,
इतने प्यारे-प्यारे ख्वाब देखता हूँ मैं।
हासिल तो बहुत कुछ करना था ज़िंदगी में,
तुम आए तो हसरत तुम तक ही महदूद रह गई।
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चलिए मान लेते हैं हम इज़हार नहीं करते,
लेकिन आप फ़िक्र न करें,
हम किसी और से प्यार नहीं करते।
यार मत रूठा करो,
अनपढ़-सा लड़का हूँ मैं।
तुम्हारे सिवा कुछ भी नहीं आता मुझे।
ना खुद को संभाल पाता हूँ,
ना तुम्हारे ग़ुस्से को।
एक डर बैठ जाता है मन में,
तो अब क्या तुम मुझे छोड़ दोगी?
मेरी इतनी-सी ग़लती की इतनी बड़ी सज़ा दोगी क्या?
अगर मैं हद से गुज़र जाऊँ तो मुझे माफ़ कर देना,
तेरे दिल में उतर जाऊँ तो मुझे माफ़ कर देना।
मुझे माफ़ कर मेरे हमसफ़र, तुझे चाहना मेरी भूल थी,
किसी राह पर जो उठी नज़र, तुझे देखना मेरी भूल थी।
एक अच्छा दोस्त साथ हो तो,
हज़ार बुरे वक़्त यूँ ही गुज़र जाते हैं।
कि जब चंच उठाना पड़ जाए तो हाथ हमारे ले जाना,
जब देखो कोई साथ नहीं, तो साथ हमारा ले जाना।
और जब देखो कि तुम तन्हा हो और रास्ते हैं दुश्वार बहुत,
तब मुझको अपना कह देना, बेबाक सहारा ले जाना।
माफ़ कर देना अगर मैंने तुम्हारा दिल दुखाया हो,
पता नहीं, कल मिलें या न मिलें — ये यार तुम्हारा।
Narajgi Shayari

जिसे तुम्हारी अच्छी या बुरी आदत की परवाह नहीं, वो दुश्मन है,
जो तुम्हारी इस्लाह की फिक्र करता है, वही सच्चा दोस्त है। ✅
रूठे हुए को मनाना ज़िंदगी है, दूसरों को हँसाना ज़िंदगी है,
कोई जीतकर खुश हुआ तो क्या हुआ, सब कुछ हारकर मुस्कुराना ज़िंदगी है। ✅
रूठना मत कभी, हमें मनाना नहीं आता,
दूर मत जाना, हमें भुलाना नहीं आता।
तुम भूल जाओ हमें, ये तुम्हारी मर्ज़ी,
मगर हम क्या करें, हमें भुलाना नहीं आता। ✅
दिल को मनाना अगर होता आसान,
ना करता किसी को यूँ परेशान।
तन्हा ना रहता भारी महफ़िल में,
ना होती वो हालत जो हो ना बयान। ✅
narajgi shayari
तुम दोस्त हो मेरे सदा के लिए,
मैं ज़िंदा हूँ तुम्हारी वफ़ा के लिए।
कर लेना लाखों शिकवे मुझसे मगर,
ना होना खफा, खुदा के लिए। ✅
रात गहरी है, डर भी सकते हैं,
हम जो कहते हैं, कर भी सकते हैं।
आप जो रूठे तो इतना भी न सोचो,
हम तो पागल हैं, मर भी सकते हैं। ✅
मेरी हर ख़ता पर नाराज़ न होना,
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना।
सुकून मिलता है देखकर आपकी मुस्कुराहट को,
मुझे मौत भी आए तो भी मत रोना। ✅
दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया,
रखा जो तुझे याद, बुरा तो नहीं किया।
हमसे लोग हैं नाराज़ किस लिए,
हमने कभी किसी को खफा तो नहीं किया।
Teri Narajgi Shayari

तेरी नाराज़गी ने छीन ली मुस्कान मेरी,
अब तो खुद से भी मिलने का मन नहीं करता।
तेरे ख़ामोश हो जाने से यूँ तूफ़ान आ गया,
जो कभी रूठते थे हम, अब खुद को मना नहीं पाते।
तुझसे क्या गिला करूं, तू तो खुद जुदा है,
तेरे नाराज़ होने का सबब भी अब ख़फ़ा है।
रूठ कर तू इतना दूर हो गया,
जैसे कभी हम तेरे कुछ थे ही नहीं।
हर रोज़ सोचता हूँ, तुझे कैसे मनाऊँ,
तेरे बिना ज़िंदगी में कुछ भी तो बचा नहीं।
तेरे नाराज़ होने से दिल टूट गया है,
पर मोहब्बत अब भी वैसी ही खड़ी है वहीं।
मत रूठ मुझसे इस तरह, मैं टूट जाऊँगा,
तेरे बिना खुद से ही दूर हो जाऊँगा।
तेरे ग़ुस्से का सबब न समझ पाए हम,
बस ये जाना कि तेरे बिना अधूरे हैं हम।
तेरे नाराज़ होने से नफ़रत नहीं होती,
बस एक दर्द सा रहता है हर वक़्त का साथी बनकर।
रूठना भी ज़रूरी है कभी-कभी,
पर यूँ ख़ामोशी से छोड़ देना… ये इंसाफ़ी नहीं।
तेरी नाराज़गी ने वो ख़ामोशी दी,
जो हर शब रो कर ही टूटी है।
जो हम हमेशा हँसते थे तेरी बातों पे,
आज वही आँसुओं में भीग जाते हैं।
Manane ali shayari
तुझसे रूठे दिन भी उदास हो गए,
खुशियों के रास्ते भी खास हो गए।
आजा मनालूँ तुझे प्यार से मैं,
तेरे बिना लम्हे भी विरासत हो गए।
तेरी बाँहों में छुप जाए ग़म सारा,
तेरा चेहरा लगे जिसे देखता हूँ दोबारा।
रूठना भी तेरा कितना प्यारा लगता है,
जब तू कहता है, “अब मना मुझे दोबारा।”
तू नाराज़ है, तो फिर हँसी कहाँ से लाऊँ,
दिल तो है तेरे पास, जान कहाँ से लाऊँ।
तू कहे तो सितारे भी तोड़ दूँ मैं,
बस तू कह दे, “अब मुझसे न रूठा कर तू।”
गलतियाँ मेरी थीं, पर प्यार तो सच था,
मैं रो पड़ा क्योंकि तू मुझसे नाराज़ था।
एक पल के लिए दिल थमा नहीं जाता,
तेरे बिना कुछ भी पूरा नहीं लगता।
मैं तेरी आँखों में अपनी रोशनी ढूँढता हूँ,
तेरी ख़ामोशी में भी तेरी मोहब्बत सोचता हूँ।
अगर गलती हो गई हो, तो सज़ा दे दे,
पर ख़फा हो कर तू यूँ दूर न हो।
ज़रा सी नाराज़गी ने जुदा कर दिया,
जो था सबसे अपना, उसी को ख़फा कर दिया।
आ जा गले लग जा, सब ग़िला मिटा दूँ,
तुझपे ही तो दिल ने विश्वास किया।
रात भर तेरी यादों ने जगाया है,
हर लम्हा तेरे बिना साथ बिताया है।
ना जाने क्यों तू ख़फा सा लगता है,
मैंने तो सिर्फ प्यार ही जताया है।
तेरी मुस्कुराहट मेरी जान बन जाए,
तेरा रूठना भी मेरी शान बन जाए।
माना कि कुछ लफ़्ज़ चुभ गए तुझे,
पर तू ही तो मेरी पहचान बन जाए।
तेरे ग़ुस्से में भी इतना नूर है,
जैसे चाँद भी हो थोड़ा मगरूर है।
तू रूठ गया तो जी ना पाएँ हम,
मनााने की चाहत में सब कुछ दूर है।
Narajgi Shayari In Hindi
ना तू कुछ कह रही है, ना हम कुछ कहते हैं,
बस तेरी नाराज़गी हर दिन दर्द बन के रहती है।
तेरी हर नाराज़गी से हम खुद को हर बार तोड़े हैं,
मगर कभी तुझे दर्द का एहसास तक न होने दिया।
रूठ कर तू यूँ चली गई जैसे हम कुछ भी न थे,
पर हर साँस आज भी सिर्फ तेरा नाम लेती है।
बिना वजह के ग़ुस्से में भी प्यार छुपा होता है,
तेरी नाराज़गी में भी एक अलग सी चाहत होती है।
narajgi shayari
तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है,
तेरे नाराज़ होने से दिल हर रोज़ लगता है।
कभी हम भी चाहा करते थे, अब सिर्फ़ चाहते हैं,
तेरी नाराज़गी ने मोहब्बत का रास्ता ही बदल दिया।
तेरे ख़ामोश होने से दिल का हाल समझ आया,
तेरे ग़ुस्से में भी कितना दर्द छुपा था, ये महसूस आया।
चाहे तू जितना भी नाराज़ रहे,
पर सच ये है — हर दुआ में तेरा ही नाम रहे।
Shayari On Narazgi In Hindi
रूठे हुए दिल को मनाना भी एक कला है,
जिसे समझ सके वही सच्चा दिल वाला है।
तेरी नाराज़गी में वो दर्द छुपा है,
जो किसी ने कभी जज़्बातों में कह न पाया।
तुम रूठो तो लगे जैसे ज़िंदगी अधूरी है,
तेरी नाराज़गी में मेरी खुशियाँ खोई हुई हैं।
खामोशी से बातें करना सिखा दिया तुमने,
रूठने के इस अंदाज़ ने जीना भी सिखा दिया।
दिल की हर धड़कन में तेरा नाम छुपा है,
रूठ के भी तेरा होना ज़िंदगी का फ़साना है।
नाराज़ रहो तो सही, पर दूर मत होना,
तेरे बिना हर खुशी मेरी वीरान लगती है।
तेरी नाराज़गी का असर इतना गहरा है,
कि मेरे हर ख्वाब में अब तेरा ही सफ़र है।
रूठ के भी जो मुस्कुराए, वही सच्चा प्यार है,
नाराज़गी में भी छुपा है इश्क़ का इज़हार है।
माना कि तुम नाराज़ हो मुझसे, मगर ये बता दो,
क्या तेरे बिना भी कोई अपना रहता है?
narajgi shayari
तेरी एक नाराज़गी ने तोड़ दिया दिल मेरा,
फिर भी तेरे बिना जीना मुश्किल है मेरा।
तेरी नाराज़गी का दर्द कभी कम न होगा,
जब तक तू साथ है, मेरा जहाँ होगा।
रूठ के भी तू मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है,
तेरे बिना मेरा दिल बेचारा रह जाता है।
मनाना है तुझे, फिर चाहे दिन हो या रात,
तेरे बिना मेरा जीना है बेकार सा साथ।
हर नाराज़गी के पीछे छुपा है प्यार,
समझ ले तू इसे, न समझे तो है इकरार।
तेरी नाराज़ आँखों में भी खुमार है,
जो मिटा दे वही मेरी ज़िंदगी का प्यार है।
Narazgi Par Shayari
नाराज़गी तेरी हर पल तड़पाए मुझे,
तेरे बिना अधूरा-सा लगे मेरा जहाँ।
रूठना तेरी आदत सी हो गई है मेरी ज़िंदगी में,
मनाना तुझे अब मेरी सबसे बड़ी जिद हो गई है।
तेरी नाराज़ आँखों में छुपा हुआ दर्द समझा नहीं जाता,
तू रूठा तो मेरा दिल भी खुद से लड़ जाता।
नाराज़ होकर भी जब तू मुस्कुराए,
लगता है जैसे बहार फिर से आए।
रूठे हुए दिल को मनाना मुश्किल होता है,
पर तेरा प्यार सब कुछ आसान कर देता है।
तेरी नाराज़गी से डर लगता है मुझे,
क्योंकि तेरे बिना मेरी दुनिया वीरान है।
रूठना तेरा भी क्या कमाल है,
तू जो रूठ जाए तो मनाना बेमिसाल है।
नाराज़ हो जाना तेरी फितरत में शामिल है,
मनाने का ज़िम्मा मेरा ही पड़ता है।
तेरी नाराज़गी में भी छुपा है इश्क़,
जो दिल से समझे वही इस राज़ को पढ़े।
रूठकर भी जब तू मेरा नाम लेती है,
लगता है जिंदगी ने फिर से मुझे जिया है।
तेरी नाराज़गी मेरी खामोशी का सबब है,
इस दिल को तेरे बिना कोई हल नहीं।
narajgi shayari
मनाने के लिए हजारों वजहें बनाता हूँ,
पर तुझसे नाराज़गी सहना अब मुश्किल हो गया।
तेरे ग़ुस्से में भी एक प्यार छुपा है,
जिसे मैं हर बार महसूस करता हूँ।
रूठने के बाद तेरा मुस्कुराना,
मेरी हर तकलीफ़ का इलाज बन जाता है।
नाराज़ होकर भी तुझे खोना नहीं चाहता,
तेरे बिना मेरा दिल कभी नहीं रहता।
Emotional Narajgi Shayari in Hindi – दिल को छू जाए ऐसी नाराज़ शायरी
तेरी नाराज़गी ने तोड़ दिया दिल मेरा,
फिर भी तुझे खोना नहीं चाहता मैं।
रूठा हुआ जो कोई अपना हो,
उसको मनाना भी दर्द की दवा हो।
तेरे खामोश रूठने का दर्द बयां न कर सकूँ,
हर बात में बस तेरा ही जिक्र कर सकूँ।
नाराज़गी के उस दौर में,
तुम्हारी एक मुस्कान की तलब होती है।
जब तू रूठ जाती है तो ये दिल रोता है,
तेरे बिना हर खुशी अधूरी सी लगती है।
तू रूठ कर चली जाती है तो लगता है,
संसार भी कुछ सूना सूना सा होता है।
नाराज़गी की चुप्पी में जो दर्द छुपा है,
वो बस तू ही समझ सकती है।
तुम्हारी नाराज़गी में मेरी सांसें थम जाती हैं,
तेरे बिना हर खुशी अधूरी रह जाती है।
रूठकर भी जब तेरा चेहरा मुस्कुराए,
तो दर्द भी हंसी बन जाता है।
तेरी नाराज़गी के बाद भी तेरा ख्याल आता है,
दिल कहता है, “तू बस वापस आ जा।”
narajgi shayari
तुम्हारे रूठने का ग़म किसी से छुपाना नहीं चाहता,
क्योंकि तेरे बिना मैं खुद को खो देता हूँ।
नाराज़गी तेरी मुझे हर पल तड़पाती है,
तेरी यादें दिल को बेसब्र कर जाती हैं।
तू रूठ जाती है तो मेरी दुनिया ठहर जाती है,
तेरे बिना मेरी धड़कन भी सुस्त हो जाती है।
तेरे ग़ुस्से में भी एक मोहब्बत छुपी है,
जो दिल से दिल तक जाती है।
तेरी नाराज़गी का ये असर देखो,
मैं हर पल तुझसे जुड़ा रहता हूँ।
Best Husband Wife Narazgi Shayari – पति-पत्नी की तकरार पर सच्ची शायरी
तुम रूठो तो दिल भी उदास हो जाता है,
पति-पत्नी के बिना घर भी वीरान हो जाता है।
नाराज़ हो जाओ हमसे, पर दूर मत जाना,
हमारे बिना ये रिश्ता अधूरा रह जाता है।
तुम्हारी नाराज़गी में छुपा है मेरा ग़म,
माना कि तकरार हुई, फिर भी प्यार है कम।
रूठना तेरा भी सुकून दे जाता है,
मनाना मेरा दिल तुझसे जुड़ जाता है।
तुमसे टकराव तो होते रहेंगे,
पर प्यार हमारे कभी कम न होगा।
पति-पत्नी की ये छोटी-छोटी लड़ाईयाँ,
रिश्ते को और भी मजबूत बनाती हैं।
narajgi shayari
तेरी नाराज़गी में भी सुकून मिलता है,
जब मनाकर गले लगाते हैं हम।
रूठकर भी अगर तुम साथ हो मेरे,
तो हर ग़म से लड़ना आसान लगता है।
तुम्हारे बिना ये घर सूना लगता है,
नाराज़गी में भी तेरा प्यार दिखता है।
तकरार हो तो क्या, दिल मिल जाए तो क्या,
हमेशा साथ रहना यही दुआ है मेरी।
पत्नी की नाराज़गी समझना पति का काम है,
रिश्ते की मिठास इसी में निहित है।
तुम्हारी नाराज़गी भी मुझे प्यारी लगती है,
क्योंकि इसमें छुपा है हमारा प्यार ही।
जब तुम रूठती हो तो दिल मेरा टूटता है,
तेरे बिना मेरा घर सूना सूना लगता है।
तुम्हारे ग़ुस्से में भी बस मेरा नाम है,
इसी से हमारी मोहब्बत की पहचान है।
तकरार हो, नाराज़गी हो, पर प्यार कम न हो,
पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा कभी ना खो।
Cute Narazgi Shayari for Her – उसकी मासूम नाराज़गी के लिए शायरी
तुम्हारी नाराज़गी भी है कितनी प्यारी,
हर ग़म को बना देती है हँसी हमारी।
रूठो मत इतनी जल्दी, मैं भी तो हूँ तेरी जान,
तेरी मुस्कान से ही सजती है मेरी शान।
तेरी मासूम नाराज़गी से डर लगता है मुझे,
तुम्हारे बिना अधूरी है मेरी पूरी दुनिया।
रूठ जाओ तो मैं कैसे मनाऊं, समझ नहीं आता,
तेरी हर बात में छुपा है मेरा सुकून प्यारा।
तेरी एक नाराज़ निगाह में बस जादू है,
जो भी देखे उसे लगे तू सबसे खास है।
तुम रूठो, मैं मनाऊं, ये हमारी प्यारी दास्तान है,
तेरी खुशी से ही मेरा दिल है जुड़ा यहाँ।
नाराज़गी तेरी भी कमाल है,
मोहब्बत में और भी इज़ाफ़ा कर जाती है।
तुम्हारी हर नाराज़गी में छुपा है एक फसाना,
जिसे मैं दिल से समझना चाहता हूँ हर ज़माना।
रूठ कर भी तुम इतनी प्यारी लगती हो,
जैसे फूल पर बूँदें, जो हँसती हैं।
तेरी छोटी-सी नाराज़गी भी बड़ी खास होती है,
मेरे दिल को छू जाती है, जैसे कोई मधुर बात हो।
तुम्हारी नाराज़गी में है एक मासूम सी बात,
जिसे पाकर मेरा दिल होता है सौगात।
तुम रूठो और मैं मनाऊं, ये खेल चलता रहेगा,
तेरी हर नाराज़गी में मेरा प्यार बढ़ता रहेगा।
तेरी मासूम नाराज़गी ने दिल मेरा छू लिया,
अब तो हर दिन बस तुझसे मिलने को जी चाहता है।
तुम्हारे रूठने से ये दिल थोड़ा सा दुखता है,
पर तुम्हारे मनाने पर पूरी दुनिया खिल उठती है।
नाराज़गी की ये प्यारी-सी बातें,
हमारे रिश्ते को और भी मीठा बनाती हैं।
Narajgi Shayari 2 Lines
तेरी नाराज़गी ने दिल को भिगो दिया,
तेरे बिना मेरा कोई सुकून नहीं रहा।
रूठना तेरा मेरी आदत बन गई,
मनाना तुझे मेरी ज़िंदगी बन गई।
तेरी खामोशी में छुपा है एक दर्द,
जो हर दिन मुझे तड़पाता है बेहिसाब।
तू रूठी तो लगे ये दिल भी टूट गया,
तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लग गया।
नाराज़ हो तुम, तो हर खुशी भी अधूरी,
तेरे बिना मेरी दुनिया है सूनी-सी पूरी।
रूठना भी तेरी खूबसूरती का हिस्सा है,
मनाना मेरा दिल तुझसे मिलने का फ़साना है।
तेरे ग़ुस्से में भी छुपा है मेरा प्यार,
जो हर दर्द को करता है सहन आसान।
तेरी नाराज़गी का दर्द सहना मुश्किल है,
पर तुझसे बिना जीना उससे भी कठिन है।
रूठकर भी तू पास रहे मेरे,
तभी तो मेरा दिल खुशहाल रहे।
तेरी नाराज़ आँखों में है कोई बात,
जो मेरे दिल को कर देती है घायल।
तेरी नाराज़गी में छुपा है इश्क़ हमारा,
जिसे समझे वही है हमारा प्यारा।
रूठना तेरी फितरत, मनाना मेरा फर्ज़,
तेरे बिना अधूरा है मेरा सारा सफ़र।
तेरी एक मुस्कान की कीमत जानूँ मैं,
नाराज़गी तेरी सहन कर जाऊँ मैं।
रूठे तो तुम तो दिल टूट जाता है,
मनाने को जी करे पर कह न पाता है।
तेरी नाराज़गी ने सिखाया मुझे ये,
सच्चा प्यार वही जो हर ग़म में खड़ा रहे।
Narazgi Door Karne Ki Shayari
रूठे हो तुम तो सब सूना लगता है,
आ जाओ, साथ मिलकर हर ग़म मिटा लेते हैं।
तेरी नाराज़गी को मनाने का मन है,
तुम मुस्कुराओ, तो दिल खुश हो जाता है।
आ चलो मिलकर इस दूरी को मिटाएं,
तेरे बिना ये दिल उदास रहता है।
रूठो मत अब, मेरी जान की रानी,
तेरे बिना मेरा दिल है वीरान।
तेरी नाराज़गी का ग़म मैं सह लूँ,
बस तुम मुस्कुराकर मुझसे मिल जाओ।
तुम्हारी नाराज़गी भी प्यारी लगती है,
जब मैं उसे मनाने का बहाना ढूंढता हूँ।
आओ फिर से प्यार की बातें करें,
नाराज़गी को भूलकर साथ चलें।
रूठने की आदत छोड़ दो, प्यार निभाओ,
तेरे बिना ये दिल बस तन्हा रह जाता है।
तेरे रूठने से लगता है जैसे कुछ खो गया,
मनाओ मुझे, मेरा दिल फिर से रोशन हो गया।
नाराज़गी दूर कर दो, प्यार बरसाओ,
मिलकर इस रिश्ते को फिर से सजाओ।
तुम्हारे बिना ये घर सूना लगता है,
मनाओ मुझे, ये दिल तेरा ही रहता है।
रूठो मत अब, हंसो फिर से मेरी जान,
तेरे बिना ये दिल है वीरान।
तेरी नाराज़गी को भूल कर मनाओ,
तुम्हारे साथ हर दर्द भुला जाऊँ।
रूठी हुई हो तुम तो मनाने वाला हूँ मैं,
तेरे प्यार में खुद को खोने वाला हूँ मैं।
नाराज़गी को भूलकर एक बार मुस्कुराओ,
तुम्हारे बिना ये दिल अधूरा रह जाता है।
Sad Narazgi Shayari – जब दिल दुखा हो
तेरी नाराज़गी ने तोड़ दिया मेरा दिल,
अब हर खुशी मुझसे दूर ही चलती है।
रूठी हो तुम तो सब कुछ अधूरा लगता है,
तेरे बिना ये दिल वीरान सा रहता है।
नाराज़गी के साए में छुपा मेरा ग़म,
तुम्हारे बिना अब कोई नहीं मेरा हमदम।
तुम रूठे तो दिल मेरा टूट जाता है,
ख़्वाब सारे अधूरे रह जाते हैं।
तेरी चुप्पी में बहता है समंदर सा दर्द,
जो हर पल मेरी रूह को रुलाता है।
नाराज़गी ने सिखाया ये दर्द सहना,
तेरे बिना अब जीना भी दुश्वार लगना।
तुमने जो दूरी बनाई, वो बहुत भारी है,
अब तेरे बिना हर खुशी अधूरी लगती है।
तेरी नाराज़गी में छुपा मेरा इक सवाल है,
क्या तुम भी मेरे बिना रोती हो?
दिल टूटता है जब तुम रूठ जाती हो,
हर ख्वाब मेरा अधूरा रह जाता है।
तेरी नाराज़गी ने दिल को जलाया है,
अब हर खुशी मुझसे छिनती जाती है।
रूठना तुम्हारा मेरा सब्र तोड़ देता है,
तेरे बिना ये दिल तन्हा हो जाता है।
तेरी नाराज़गी में छुपा मेरा सुकून खो गया,
अब तेरा नाम भी दर्द सा लगने लगा है।
तुम्हारे बिना ये दिल कुछ भी नहीं,
तेरी नाराज़गी में मेरी दुनिया है बंद।
तुम रूठो तो मेरी सांसें भी थम जाती हैं,
तेरे बिना मेरी हंसी भी रो पड़ती है।
नाराज़गी तेरी मुझसे दूर कर दे प्यार,
वरना ये दिल रहेगा तन्हा और बेजार।
Mafi Shayari – माफी मांगने की शायरी
गलती मेरी थी, मेरा दिल माफी मांगता है,
तुम्हारे बिना ये दिल अधूरा सा रहता है।
माफ़ कर दो मुझे, मैं फिर से सही हो जाऊंगा,
तेरे बिना ये जीना भी मुश्किल हो जाएगा।
माफी मांगता हूँ दिल से, मेरी हर गलती को,
तुम्हारे बिना ये जीवन सूना-सा लगता है।
गलतियाँ मेरी थीं, पर दिल तेरा ही चाहता हूँ,
माफ़ी से फिर से हम जुड़ जाएंगे साथ-साथ।
माफी मांगना है मुझसे, स्वीकार करो इसे,
तेरे बिना मेरा दिल भी बेसब्र हो जाता है।
तुम्हारी नाराज़गी को दिल से दूर करना चाहता हूँ,
माफ़ कर दो मुझे, फिर से प्यार जताना चाहता हूँ।
माफ़ी मांगता हूँ उन लफ़्ज़ों के लिए, जो दर्द दिए,
तुम्हारे बिना मेरा दिल खाली-खाली सा है।
गलतियाँ तो इंसान से होती हैं, माफ़ करना सीखो,
तेरे बिना मेरी दुनिया अधूरी-सी लगती है।
माफ़ कर दो मुझे, मेरे दिल की जुबानी बात,
तेरे बिना सब कुछ है वीरान और थम सी रात।
दिल की गहराई से माफी मांगता हूँ मैं,
बस तेरा साथ पाकर खुश रहता हूँ मैं।
गलती मेरी थी, इसे मानता हूँ दिल से,
माफ़ कर दो मुझे, लौट आओ मेरे करीब से।
माफ़ी के इन लफ़्ज़ों में मेरा दिल है छुपा,
तुम्हारे बिना मेरी दुनिया है अधूरी-सी जुड़ा।
मेरी गलती को दिल से माफ़ कर देना,
तेरे बिना ये ज़िंदगी है अधूरी रहना।
तुम्हारे बिना सब सूना-सा लगता है,
माफ़ कर दो मुझे, ये दिल तेरा ही चाहता है।
माफी मांगना है मुझसे, इसे स्वीकार कर लो,
तेरे बिना ये दिल तन्हा-सा ही रहता है
2 Line Narajgi Shayari – Short & Shareable
रूठ के भी तुम पास रहो,
दिल को ऐसा एहसास रहो।
नाराज़गी में भी है प्यार छुपा,
तेरा होना ही मेरा सहारा।
तेरी खामोशी ने घेरा है दिल को,
फिर भी तुझसे प्यार बढ़ा है दिल को।
रूठा है तू तो सब कुछ सुना,
तेरे बिना मेरा जहाँ अधूरा।
नाराज़गी के इस मौसम में,
तेरी यादें बहार सी लगती हैं।
रूठना तेरा मेरी जान है,
मनाना भी मेरा अरमान है।
तेरी नाराज़ी में भी छुपा है प्यार,
जो समझे वही मेरा यार।
तू रूठे तो दिल बिखर जाए,
तेरे बिना सब कुछ बेरंग लगे।
रूठो मत, मैं मनाऊँगा तुझे,
तेरी हँसी से दुनिया सजाऊँगा।
नाराज़गी में भी तेरा प्यार है,
मेरे दिल का सबसे बड़ा उपहार है।
तेरी नाराज़ी भी लगे खास,
तेरे बिना ये दिल है उदास।
रूठ कर भी तू पास रहना,
दिल को बस तेरा ही बहाना।
तेरी नाराज़गी में है जादू,
जो करता है दिल को घायल।
रूठे तो तू, मैं भी टूट जाऊँ,
मनाने को तुझको तरस जाऊँ।
तेरी नाराज़गी को सह लूँ,
बस तेरा प्यार पा लूँ।
Conclusion
In the end, narajgi shayari helps us express feelings when someone we care about is upset. These short poems show emotions like missing someone, saying sorry, or wanting to fix a broken relationship. They are a soft and meaningful way to share what’s in the heart. When talking becomes hard, narazgi shayari is a simple way to say how much someone means to you and how much you care.